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महाकविक महाप्रयाण

 

लेखक :  डॉ. रंगनाथ दिवाकर 
डाॅ. रंगनाथ दिवाकर बिहार प्रशासनिक सेवामे अनेक उच्च पद सभकेँ सुशोभित करैत अपर सचिव रूपमे सेवानिवृत्त भेल छथि। ‘ब्रह्मभट्ट वैभव’, ‘सहदेव सुषमा : पं. सहदेव झा स्मृति ग्रंथ’, ‘मधुबनी दर्पण’, ‘विरासत मधुबनी’, समस्तीपुर जिला गजेटियर ‘समेटियर’, ‘विरासत मुजफ्फरपुर’, श्री विजय ना. मिश्र ‘प्रवासी साहित्यालंकार’क एकमात्र काव्य संकलन ‘प्रवासी प्रतिबिम्ब’, ‘भामती’ आदि ग्रंथ/ स्मारिका सभक सम्पादन कयने छथि। स्वतंत्र पोथीमे ‘हिन्दी भाषा और साहित्य के विकास में मिथिला का योगदान’, ‘मिथिला गौरव प्रतीक कन्दर्पी’, मैथिली कथासंग्रह ‘भखरैत नील रंग’, ‘सुलतानपुर सौरभ’ प्रमुख अछि। मिथिलाक इतिहास-संस्कृति-साहित्य विषयक अनेक आलेख मैथिली-हिन्दीमे प्रकाशित-प्रसारित अछि। साहित्य अकादेमी पुरस्कारसँ सम्मानित पंजाबी कथासंग्रह ‘अमर कथा’ (ले. गुलजार सिंह संधू)क हिनका द्वारा कयल मैथिली अनुवाद साहित्य अकादेमीसँ प्रकाशित भेल अछि। दिवाकरजीक बहुमुखी व्यक्तित्व  मेधासँ परिपूर्ण अछि। विज्ञानक छात्र छलाह आ स्नातकोत्तर हिन्दीमे टाॅप कयलनि। शोधमे रूचि रखैत छथि आ मिथिलाक इतिहास आ संस्कृति विषयक अनेक विवादास्पद घुरछीकेँ सफलतापूर्वक सोझरा देने छथि। एहिमे श्रीधर केर काल-निर्धारण, मण्डन मिश्र-शंकराचार्यक कथित शास्त्रार्थ, मैथिल करण कायस्थक कर्णाटसँ कथित आव्रजन, महाकवि कालिदासक मैथिलत्व, कन्दर्पीघाटमे मैथिल शौर्यक दिग्दर्शन आदि प्रमुख अछि। कन्दर्पीघाटमे मिथिला विजय स्तम्भक निर्माण हिनक अमर कृति अछि आ एहि कारणेँ ओ अपर ग्रियर्सन रूपमे समादृत छथि। किरण पुरस्कार (मैथिल समाज, रहिका), केदारनाथ माश्र ‘प्रभात’ सम्मान (बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना ), मिथिला विभूति सम्मान ( विद्यापति सेवा संस्थान, दरभंगा), मिथिला रत्न ( अन्तरराष्ट्रीय मैथिल सम्मेलन, अयोध्याधाम) सहित अनेक पुरस्कार/ सम्मानसँ अलंकृत छथि।
सम्पर्क  – फ्लैट सं. 102, अनन्त विकास अपार्टमेंट, वेदनगर, रुकनपुरा, बेली रोड, पटना -800014
M – 8709610336,

 

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